15 August: आजादी की लड़ाई में Naram Dal, जानें कौन थे इसके नेता, क्या थी विचारधारा? वनइंडिया हिंदी

15 August: आजादी की लड़ाई में Naram Dal, जानें कौन थे इसके नेता, क्या थी विचारधारा? वनइंडिया हिंदी

The split in Congress in 1907 took place in Surat session was popularly known as Surat split, led to two factions: Garam dal, ie Extremists and Naram dal, ie Moderates.Whereas, Dada Bhai Naoroji, Gopal Krishna Gokhale, Surendra Nath Banerjee etc. were the members of the Naram Dal.
नरम दल की शुरुआत भारत की आज़ादी से पूर्व कांग्रेस पार्टी के दो खेमों में विभाजित होने के कारण हुई। जिसमें एक खेमे के समर्थक बाल गंगाधर तिलक थे और दुसरे खेमे में मोती लाल नेहरू थे। मतभेद था सरकार बनाने को लेकर। मोती लाल नेहरू चाहते थे कि स्वतंत्र भारत की सरकार अंग्रेजों के साथ कोई संयोजक सरकार बने। जबकि गंगाधर तिलक कहते थे कि अंग्रेज़ों के साथ मिलकर सरकार बनाना तो भारत के लोगों को धोखा देना है। इस मतभेद के कारण लोकमान्य तिलक कांग्रेस से निकल गए और उन्होंने गरम दल बनाया। और इस तरह कांग्रेस के दो हिस्से हो गए एक नरम दल और एक गरम दल।
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