OpenAI’s software is spookily good at playing human, which explains the hoopla. Whether penning poetry, dabbling in philosophy or knocking out comedy scripts, the general agreement is that the GPT-3 is probably the best non-human writer ever. Given a sentence and asked to write another like it, the software can do the task flawlessly. But this is a souped up version of the auto-complete function that most email users are familiar with.
एक रोबोट ने ब्रिटिश अख़बार द गार्डियन के लिए आर्टिकल लिखा. आर्टिकल का टॉपिक था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मानवता को ख़तरा नहीं है. और रोबोट ने इसपर बेहतरीन तरीके से ना सिर्फ लेख लिखा, बल्कि ये समझाने में करीब-करीब सफल रहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानवता के लिए खतरा नहीं है. रोबोट को ये डायरेक्शन लैंग्वेज आसान होनी चाहिए, आर्टिकल 500 शब्दों का ही होना चाहिए, इस बात पर फ़ोकस होना चाहिए कि इंसानों को क्यों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डरने की ज़रूरत नहीं है.
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