रूसी Coronavirus Vaccine पर Indian Scientists को संदेह, संक्रमित 24 लाख हुए

रूसी Coronavirus Vaccine पर Indian Scientists को संदेह, संक्रमित 24 लाख हुए

रूस के कोविड-19 (COVID-19) का टीका विकसित करने पर संदेह को लेकर भारत समेत दुनिया के कई वैज्ञानिकों का कहना है कि समय की कमी को देखते हुए इसका समुचित ढंग से परीक्षण नहीं किया गया है और इसकी प्रभावशीलता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हो सकते हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की थी कि उनके देश ने कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित कर लिया है, जो कोविड-19 से निपटने में बहुत प्रभावी ढंग से काम करता है। इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया था कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है।
इस देश को अक्टूबर तक बड़े पैमाने पर टीके का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है और आवश्यक कर्मचारियों को पहली खुराक देने की योजना बना रहा है। हालांकि विज्ञान समुदाय के कई लोग इससे प्रभावित नहीं हैं। पुणे में भारतीय विज्ञान संस्थान, शिक्षा और अनुसंधान से एक प्रतिरक्षाविज्ञानी विनीता बल ने पीटीआई से कहा कि जब तक लोगों के पास देखने के लिए क्लीनिकल परीक्षण और संख्या समेत आंकड़े नहीं हैं तो यह मानना मुश्किल है कि जून 2020 और अगस्त 2020 के बीच टीके की प्रभावशीलता पर सफलतापूर्वक अध्ययन किया गया है।

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