The Bihar regiment has made a significant contribution in safeguarding India from its enemy, its acts of immense courage and valour have added glory in the pages of Indian army. The regiment fought bravely in the recent clash with China’s Peoples Liberation Army at the Galwan Valley in Ladakh, losing 12 soldiers including the Commanding Officer of its 16th Battalion Colonel Bikkumalla Santosh Babu.
सीमा पर जय बजरंगबली और बिरसा मुंडा की जय की हुंकार से ही दुश्मन कांपने लगता है. क्योंकि दुश्मन को मालूम हो जाता है कि उसके सामने हिंदुस्तान के सबसे खतरनाक लड़ाके का बटालियन खड़ा है. जी हां. हम बात कर रहे हैं खुद में कई शौर्य गाथा को लपेटे सेना के बिहार रेजिमेंट की. ये वो रेजिमेंट है जिसके जवानों को देश में किसी भी मुश्किल हालात या युद्ध जैसी नौबत में सबसे पहले भेजा जाता है. जैसा कि हमने गलवान में भी देखा. जहां बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 बहादूर जवानों ने देश के लिए ना सिर्फ सर्वोच्च बलिदानी दी, बल्कि वीरता के पराकाष्ठा का परिचय देते हैं दुश्मन देश के 20 से अधिक जवानों की गर्दन और कमर तोड़कर मौत के घाट उतार दिया.
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