On the night of 3 July 1999 during the advance to Khalubar as his platoon approached its final objective for the Pahalwan Chowki located at the height of 19700 feet on his way to Khalubar.; it came under heavy and intense enemy fire from the surrounding heights. He led his men to capture the Jubar top which was considered as necessary due to its strategic location. Quickly sizing up the situation, the young officer led his platoon along a narrow, treacherous ridge that led to the enemy position.
मनोज पांडे में शुरू से ही देशभक्ति की भावना कितनी कूट-कूट कर भरी हुई थी, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि SSB के इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि आर्मी क्यों जॉइन करना चाहते हो? मनोज ने जो जवाब दिया उसे सुनकर वहां मौजूद हर शख्स चौंक गया। उनके सामने बैठे इस दुबले-पतले लड़के ने कहा था, ‘मुझे परमवीर चक्र चारिए।’ मनोज ने एक बार अपनी डायरी में अंग्रेजी में लिखा था, ‘If death strikes before I prove my blood, I promise, I will killdeath.’ हिंदी में इसका मतलब है, ‘यदि मेरे फर्ज की राह में मौत भी रोड़ा बनी तो मैं कसम खाता हूं कि मैं मौत को भी मार दूंगा।’
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