1962: The War that Wasn’t, on July 6, 1962, a Chinese military platoon came across a Gorkha regiment firmly entrenched in the upper reaches of Galwan Valley, cutting them off from Samzungling posts in the lower reaches. “The Indian Government Should Rein in on the Brink of the Precipice”, while the MEA warned China of “grave consequences”; on July 13, orders were issued to the Gorkha regiment to fire if the Chinese crept ahead.
चीन ने 20 अक्टूबर 1962 को भारत पर अचानक से हमला कर दिया. 1962 में कई बार चीन ने भारत को अपनी धमक दिखाने की कोशिश की, झगड़े भी हुए, साल 1962 के 10 जुलाई को तकरीबन 350 चीनी सैनिकों ने कुसूल में भारतीय पोस्ट को घेर लिया था. इतना ही नहीं उन्होंने लाउडस्पीकर से भारत के गोरखा सैनिकों को संदेश दिया कि उन्हें भारत की तरफ में लड़ाई नहीं करनी चाहिए. उसके बाद भारतीय टेलीफोन लाइनों को भी काट दिया. इससे सीमा पर मौजूद सैनिक बल अपने मुख्यालय से संपर्क नहीं कर पा रहे थे. युद्ध के पहले ही दिन पीछे से भारत पर हमला कर दिया.
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