सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारों पर एक बड़ा फैसला सुनाया और साफ कर दिया कि पैतृक संपत्ति के साथ पिता की सम्पत्ति में बेटी बराबर की हकदार है। अब सवाल यह उठता है कि देश में जब 2005 में ही कानून में संशोधन कर बेटियों को उनकी पैतृक सम्पत्ति में बेटों के बराबर अधिकार दे दिया गया था, तो 15 साल बाद भी उन्हें इस हक के लिए लड़ना क्यों पड़ा? आखिर उनका अपना परिवार ही सम्पत्ति में उन्हें हक क्यों नहीं देना चाहता?
जानने के लिए देखिए ‘पत्रिका’ के खास शो ‘आधी दुनिया, पूरी बात विद तसनीम खान’ का 11th Episode- ‘सुप्रीम’ फैसला, पिता की संपत्ति पर बेटी का बराबर अधिकार…