A big disclosure has been made in the Kanpur encounter case of Uttar Pradesh. According to the news, the killed most wanted Vikas Dubey and martyr CO Devendra Mishra came face to face 22 years ago. In 1998, Vikas Dubey fired on Devendra Mishra. At that time both of them fired at each other. The 22-year-old rivalry was also affected by the encounter on the night of July 2-3. In his confession to the Ujjain police, Vikas had admitted that Devendra Mishra was not made by him.
उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. खबरों के मुताबिक, मारा गया मोस्ट वांटेड विकास दुबे और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा 22 साल पहले भी आमने-सामने आए थे. 1998 में विकास दुबे ने देवेंद्र मिश्रा पर गोली चलाई थीं. उस समय दोनों ने एक दूसरे पर फायरिंग की थी. 2-3 जुलाई की रात को हुई मुठभेड़ के पीछे 22 साल पुरानी उस रंजिश का भी असर था. उज्जैन पुलिस को दिए अपने कुबूलनामे में विकास ने माना था कि देवेंद्र मिश्रा की उससे नहीं बनती थी.
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