As the lockdown has extended to its fourth month, thousands of male and female cricketers, coaches, umpires, scorers and others have been put through a financial nightmare. Among the most vulnerable are the non-contracted players like Marufa. If the situation doesn’t improve soon, they may have to leave the game altogether in search of a steady income. The BCB has 19 female cricketers in its central contracts, and pay them a monthly salary that is one-third of the lowest category of contracts among the men. There was a mini uproar a couple of years ago when it was discovered that the BCB pays BDT 600 ($7 approx.)
कोरोना महामारी की वजह से आम लोगों को नुक्सान हुआ है. आर्थिक तौर पर हर कोई कमजोर हो गया है. करोड़ों नौकरी चली गयी. ये हाल हर जगह और हर देशों का है. बांग्लादेश की महिला क्रिकेट टीम को कोरोना की वजह से काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. और खबर है कि भूखे मरने वाली हालत हो गयी है सबकी। न सिर्फ महिला क्रिकेट, बल्कि पुरुष क्रिकेट खिलाड़ियों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. हालांकि, कोरोना काल के बीच क्रिकेट की शुरुआत हो चुकी है. जोकि राहत की खबर है. पर बांग्लादेश में क्रिकेट शुरू नहीं हुआ है. जिसकी वजह से सभी के जेबों पर असर पड़ा है. लॉकडाउन की वजह से अंपायर, कोच, स्कोरर हर कोई आर्थिक संकट में फंस गया है.
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